भारतीय न्याय संहिता की धारा 329 आपराधिक अतिचार (Criminal Trespass) और गृह-अतिचार (House Trespass) के मामलों के बारे में विस्तार से बताती है। इस धारा के तहत यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति (Property) में प्रवेश करता है या वहां रहता है, और ऐसा करने के पीछे उस व्यक्ति का उद्देश्य उस संपत्ति के मालिक को धमकाना, अपमानित करना या किसी अन्य अपराध को करने का होता है, तो ऐसी स्थिति में सेक्शन 329 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
सरल भाषा में कहे तो जब कोई व्यक्ति किसी अपराध को करने के लिए किसी व्यक्ति के घर में बिना अनुमति के घुस जाता है, तो वह अपराधी (Criminal) माना जा सकता है।
भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 329 के अपराध व अपराधों के उल्लंघन (Violation) पर दिए जाने वाली सजाओं को इसकी 4 उपधाराओं (Sub-Sections) के द्वारा बताया है, जो इस प्रकार से है:-
बीएनएस धारा 329 की उपधारा (1):- अगर कोई व्यक्ति किसी अपराध को करने के इरादे से यानि किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति में उसको डराने, अपमानित करने या परेशान करने के इरादे से प्रवेश करता है, तो इसे आपराधिक अतिचार (Criminal Trespass) कहा जाता है।
यह स्थिति तब भी लागू होती है जब कोई व्यक्ति कानूनी तौर पर उस संपत्ति में प्रवेश करता है लेकिन बाद में अवैध (illegal) रूप से वहीं रहता है और उसका उद्देश्य उस संपत्ति के मालिक को डराना, अपमानित करना या परेशान करना होता है।
बीएनएस धारा 329 की उपधारा (2): जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे भवन, तंबू, या जहाज में प्रवेश करता है या वहां रहता है। जिसे लोग अपने रहने के लिए उपयोग करते हैं, या जिसे पूजा स्थल या संपत्ति की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रवेश आपराधिक इरादे यानि अपराध करने के इरादे से होता है, तो इसे गृह-अतिचार (House Trespass) कहा जाता है।
स्पष्टीकरण: यदि कोई व्यक्ति आपराधिक इरादे (Criminal Intention) से किसी घर, पूजा स्थल, या संपत्ति की सुरक्षा वाली जगह में घुसता है, तो उसके शरीर का सिर्फ एक हिस्सा जैसे हाथ या पैर भी वहां प्रवेश कर जाए, तो भी इसे गृह-अतिचार माना जाएगा।
उदाहरण:- अगर कोई बिना अनुमति (Permission) के किसी के घर में चोरी के इरादे से खिड़की से हाथ डालता है, तो यह गृह-अतिचार कहलाएगा।
बीएनएस सेक्शन 329 की उपधारा (3): यदि कोई व्यक्ति उपधारा 329(1) में बताई गई बातों अनुसार आपराधिक अतिचार करता है, तो उसे सेक्शन 329(3) के तहत जेल व जुर्माना की सजा दी सा सकती है।
बीएनएस सेक्शन 329 की उपधारा (4):- यदि कोई व्यक्ति उपधारा 329(2) में बताए गए गृह-अतिचार के अपराध को करता है, तो उसे सेक्शन 329(4) के तहत दंडित किया जाता है।
धारा 329 के अपराध को साबित करने वाले आवश्यक तत्व
- अपराधिक उद्देश्य: इस धारा का मुख्य आधार यह है कि व्यक्ति का प्रवेश या निवास आपराधिक इरादे से हो, जैसे धमकी देना, चोट पहुंचाना, या अन्य अपराध करना।
- नुकसान पहुंचाने का इरादा: इस धारा के तहत अपराधी का इरादा किसी को शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचाने का होता है।
- अवैध प्रवेश: यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति बिना किसी वैध अनुमति (Valid Permission) या अधिकार के किसी संपत्ति में प्रवेश करता है।
कुछ मुख्य कार्य जिनको करना BNS 329 के तहत अपराधी बना सकता है
- किसी की संपत्ति या घर में चोरी करने के इरादे से अनाधिकृत (बिना अनुमति या अधिकार के) रूप से प्रवेश करना।
- किसी की संपत्ति में बिना अनुमति के घुसकर वहां तोड़फोड़ करना या नुकसान पहुंचाना।
- किसी को धमकाने, डराने या मानसिक रूप से प्रताड़ित (Tortured) करने के इरादे से उसके घर में जबरन घुसना।
- किसी व्यक्ति पर शारीरिक हमला (Physical Attack) करने या हिंसा (Violence) करने के उद्देश्य से किसी के घर में घुसना।
- किसी पूजा स्थल में अवैध रूप से प्रवेश करना और वहां अशांति फैलाना या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना।
- किसी के घर या संपत्ति में घुसकर वहां से गुप्त या संवेदनशील जानकारी चुराना।
- किसी अन्य की संपत्ति पर अवैध कब्जा जमाने या उसके अधिकार को समाप्त करने के उद्देश्य से घुसपैठ करना।
- किसी आवासीय भवन (Residential Building) में बिना अनुमति के प्रवेश करके वहां रहने वालों को डराना या उनका मानसिक उत्पीड़न करना।
- बिना अनुमति के किसी के घर में प्रवेश कर उसकी जासूसी करना या उसकी गतिविधियों की जानकारी एकत्र करना।
बीएनएस सेक्शन 329 का आपराधिक उदाहरण
रमेश एक किराने की दुकान चलाता है। एक रात को मोहन रमेश की दुकान के पीछे की खिड़की तोड़कर अंदर घुस गया। जिसके बाद उसने दुकान से कुछ पैसे और सामान चुराया। अगली सुबह रमेश ने चोरी की घटना देखी और पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर वहाँ पहुँची और सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद मोहन की पहचान हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
इस उदाहरण से पता चलता है कि कैसे मोहन ने रमेश की संपत्ति में बिना अनुमति के प्रवेश किया और चोरी की। इस मामले में मोहन को BNS Section 329 व चोरी की BNS धारा 303 के तहत कोर्ट द्वारा सजा दी जा सकती है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 329 में सजा कितनी होती है?
बीएनएस की धारा 329 के अपराध में सजा (Punishment) को इसकी दो उपधाराओं (Sub-Sections) के द्वारा अलग-अलग अपराध व अपराध की गंभीरता के अनुसार बताया गया है। जो कि इस प्रकार से है:-
- BNS Section 329(3) में आपराधिक अतिचार के लिए दंड:- यदि कोई व्यक्ति धारा 329(1) में बताई गई बातों अनुसार आपराधिक अतिचार करने का अपराध करता है, तो दोषी (Guilty) पाये जाने पर उस व्यक्ति को अधिकतम तीन महीने तक जेल में रखा जा सकता है। इसके अलावा उस पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में अपराध की गंभीरता के आधार पर दोनों सजा यानी कैद और जुर्माना एक साथ भी दिए जा सकते हैं।
- BNS Section 329(4) में गृह-अतिचार के लिए दंड:- जब कोई व्यक्ति किसी घर, पूजा स्थल, या संपत्ति की सुरक्षा वाली जगह में अनाधिकृत (बिना किसी अधिकार या अनुमति के) रूप से प्रवेश करता है या वहां रहता है। जिसमें उसका उद्देश्य किसी अपराध को करने का होता है, जैसे चोरी करना, नुकसान पहुंचाना, या किसी को डराना। ऐसे में दोषी पाये जाने पर कोर्ट द्वारा अपराधी व्यक्ति को एक साल तक की जेल व जुर्माना लगाकर दंडित (Punished) किया जा सकता है।