बीएनएस की धारा 173 रिश्वतखोरी के अपराध के दोषी व्यक्तियों के लिए दंड का प्रावधान करती है। जिसमें रिश्वत लेने या देने के अपराध के बारे में बताया गया है। धारा 173 के तहत जो कोई व्यक्ति किसी को रिश्वत देकर अपना काम करवाता है या किसी काम को करने के लिए रिश्वत माँगता है। उस व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 173 के तहत मुकदमा दर्ज कर सजा देने के लिए कार्यवाही की जाती है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 173 के अपराध को लागू करने वाली जरुरी बाते
- यदि आप कोई सरकारी काम करवाना चाहते हैं, जैसे कि लाइसेंस बनवाना। अगर आप उस काम को जल्दी करवाने के लिए अधिकारी को पैसे या किसी अन्य वस्तु का लालच देते हैं, तो इसे रिश्वत देने का अपराध माना जा सकता है।
- दूसरी ओर अगर कोई सरकारी अधिकारी आपसे कहता है कि वह आपका काम तभी करेगा जब आप उसे कुछ पैसे या उपहार देंगे, तो इसे रिश्वत लेना कहते हैं।
- रिश्वत सिर्फ पैसे में ही नहीं होती, यह किसी भी प्रकार का लाभ हो सकता है, जैसे नौकरी में प्रमोशन, किसी सेवा का मुफ्त में लाभ लेना, या कोई महंगा उपहार देना।
- यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार के अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।
धारा 173 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ कार्य
- किसी सरकारी अधिकारी को अपना काम जल्दी से जल्दी करवाने के लिए पैसे या कुछ अन्य कीमती वस्तु देना।
- किसी सरकारी ठेके को पाने के लिए किसी सरकारी अधिकारी को रिश्वत देना।
- सरकारी नौकरी पाने के लिए किसी अधिकारी को रिश्वत देना।
- किसी मुकदमे में अपने पक्ष में फैसला करवाने के लिए किसी न्यायाधीश या अन्य कानूनी अधिकारी को रिश्वत देने की कोशिश करना।
- अपने घर या किसी अन्य बिल्डिंग को बनाने के परमिट को प्राप्त करने के लिए किसी सरकारी अधिकारी को रिश्वत देना।
इससे अलग भी बहुत सारे ऐसे कार्य है जिनको करना BNS 173 के तहत अपराध माना जा सकता है।
बीएनएस की सेक्शन 173 के अपराध का उदाहरण
प्रदीप एक बिल्डर है जो एक शहर में नई कॉलोनी बनाना चाहता था। उसने इसके लिए नगर निगम से कॉलोनी को बनाने के लिए मिलने वाले परमिट को प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। कई दिनों तक प्रदीप को जब वहाँ से कोई जवाब नहीं मिला तो उसने नगर निगम के एक अधिकारी से संपर्क किया। उस अधिकारी ने प्रदीप से कहा कि अगर वह उसे कुछ पैसे दे देगा तो वो उसके काम को जल्द से जल्द बिना किसी रुकावट के करवा देगा। इसलिए अपने काम को जल्द से जल्द करवाने के लिए प्रदीप ने उस अधिकारी को पैसे दे दिए और कुछ दिनों बाद उसे कॉलोनी को बनाने का परमिट मिल गया।
कुछ समय बाद एक अखबार में यह खबर छपी कि नगर निगम के कई अधिकारी रिश्वत ले रहे हैं। इस खबर के बाद पुलिस ने जांच शुरू की जिसमें सबूत मिलने पर प्रदीप व उस अधिकारी के खिलाफ BNS Section 173 के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की गई।
BNS Section 173 में सजा (Punishment) कितनी होती है
बीएनएस की धारा 173 के तहत यदि कोई व्यक्ति रिश्वत लेने या देने के अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उस व्यक्ति को एक साल तक की कैद व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।