Friday, April 25, 2025

BNS Section 132 in Hindi – लोक सेवक को रोकने की धारा में सजा और जमानत

भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 किसी लोक सेवक (Public Servant) को उसके कर्तव्य का पालन करने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने या आपराधिक बल (Criminal Force) प्रयोग करने के अपराध से संबंधित है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) को उनके कर्तव्यों के दौरान सुरक्षित रखना है, ताकि वे बिना किसी डर के अपने काम कर सकें। यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी सरकारी कर्मचारी पर हमला करता है या बल का उपयोग करता है, ताकि उसे उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोका जा सके।

इसका सरल भाषा में मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी, जैसे पुलिसकर्मी, डॉक्टर, या अन्य सरकारी कर्मचारी, को धमकाता है, धक्का देता है, या उसके खिलाफ हिंसा (Violence) का उपयोग करता है। ताकि वह अपना काम न कर सके तो यह धारा 132 के तहत अपराध माना जाता है।

BNS की धारा 132 के अपराध से जुड़े मुख्य तत्व

  • इस धारा के तहत अपराध तब माना जाएगा जब हमला या बल (Attack or Force) का प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ किया गया हो जो सरकारी कर्मचारी हो।
  • धारा 132 तब लागू होती है जब सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा हो और उस पर हमला किया जाए या उसे बलपूर्वक रोका जाए।
  • अपराधी का इरादा सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्यों (Duties) से रोकने का होना चाहिए।
  • इस धारा के तहत दोषी (Guilty) पाए जाने पर जेल की कैद, जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

बीएनएस सेक्शन 132 के अपराध का उदाहरण

रवि एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी था जो सड़क पर ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा था। उसी समय सुमित नाम का एक व्यक्ति रेड लाइट पर सिग्नल तोड़ देता है, और तेज रफ्तार से अपनी गाड़ी को भगाकर निकलने की कोशिश करता है। लेकिन तभी रवि उसकी गाड़ी को सामने से रोक लेता है और उससे पूछता है कि, “आपने रेड लाइट क्यों तोड़ी?” इस बात पर सुमित को गुस्सा आ जाता है। जिसके बाद वो रवि को धक्का देते हुए कहता है, “तुम मुझे रोकने वाले कौन हो?”

इस मामले में सुमित ने जानबूझकर रवि को उसकी ड्यूटी करने से रोका और उस पर हमला किया। इस स्थिति में सुमित पर BNS की धारा 132 के तहत मामला दर्ज हुआ। जिसमें उसे जेल, जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है।

बीएनएस धारा 132 के अपराध के दोषी व्यक्तियों के लिए सजा

भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 132 में दोषी (Guilty) पाये जाने वाले व्यक्ति को जेल की कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है। अगर कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए हमला करता है या बल प्रयोग करता है, तो उसे अधिकतम दो साल तक की कैद हो सकती है। यह कैद साधारण या सख्त दोनों तरह की हो सकती है, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है।

इसके साथ ही अपराधी पर जुर्माना ((Fine) भी लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि अदालत के विवेक पर निर्भर करती है, और यह अपराध की गंभीरता, परिस्थितियों और अन्य संबंधित तथ्यों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है।

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