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धोखाधड़ी की बीएनएस धारा 318 में सजा और जमानत | BNS Section 318 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 एक ऐसा कानून है जो किसी व्यक्ति को धोखा (Cheat) देने पर सजा का प्रावधान (Provision) करता है। जिसमें किसी अन्य व्यक्ति को धोखा देकर उसे संपत्ति देने या संपत्ति के नुकसान के लिए सहमति देने के लिए प्रेरित करना शामिल है।

आसान भाषा में कहे, तो यदि कोई व्यक्ति किसी को झूठ बोलकर या किसी बात को छिपाकर उससे पैसे या कोई अन्य संपत्ति प्राप्त कर लेते हैं, तो वह धोखाधड़ी (cheating) मानी जाएगी। जिसके आरोपी व्यक्ति पर BNS Section 318 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

बीएनएस धारा 318 में चार उप-धाराएँ (Sub Sections) हैं जिनके अंदर इस अपराध को गंभीरता के हिसाब से अलग-अलग प्रकार से बताया गया है।

  1. बीएनएस धारा 318 की उपधारा (1): इसमें बताया गया है की धोखा तब होता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति को गुमराह (Astray) करता है, या उसे गलत जानकारी देकर उसे कुछ ऐसा करने पर मजबूर करता है। जो वह सामान्य परिस्थितियों में नहीं करता। इस धोखे के कारण उस व्यक्ति को किसी भी तरह का नुकसान या हानि हो सकती है। जिसमें उसके शरीर, मन, सम्मान, या संपत्ति का नुकसान शामिल है।
  2. बीएनएस धारा 318 की उपधारा (2): इसमें केवल सेक्शन 318(1) के अपराध की सजा (Punishment) के बारे में बताया गया है। जो भी व्यक्ति किसी के साथ धोखाधड़ी का अपराध करेगा उसे दोषी पाये जाने पर कारावास व जुर्माने (Imprisonment Or fine) की सजा से दंडित किया जा सकता है।
  3. बीएनएस सेक्शन 318 की उपधारा (3): यदि कोई व्यक्ति जिसे किसी अन्य व्यक्ति के हितों की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। यानी जिस व्यक्ति का काम लोगों की मदद करना है जब ऐसा व्यक्ति किसी के साथ धोखाधड़ी करता है। तो उस व्यक्ति को धारा 318(2) में दी गई सजा से ज्यादा सजा व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।सरल भाषा में समझे तो, इसमें ऐसे लोग आते है जो अपने अधिकार और ज़िम्मेदारी का गलत उपयोग करते है और दूसरों के साथ धोखा करते है। जो की कानूनी रुप से एक गंभीर अपराध माना जाता है। उदाहरण:- यदि किसी बैंक का मैनेजर ग्राहक के पैसे का गलत उपयोग करके उन पैसे से खुद को फायदा पहुँचाता है, तो उसे जेल या जुर्माना हो सकता है।
  4. बीएनएस की धारा 318 (4): इसमें बताया गया है अगर कोई व्यक्ति धोखा देकर या बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति को इस तरह से बहकाता है। जिससे वह अपनी संपत्ति, पैसे, या कीमती कागजात (जैसे कि किसी जायदाद के दस्तावेज़, बैंक चेक आदि) किसी को सौंप देता है। या फिर धोखे से कोई उसके जरुरी दस्तावेज़ को बदल देता है या नष्ट कर देता है तो ऐसे व्यक्ति को अन्य सभी उपधाराओं (Sub Sections) की सजा से अधिक सजा व जुर्माने से दंडित (Punished) किया जा सकता है। उदाहरण:- मान लीजिए, कोई व्यक्ति किसी बुजुर्ग को धोखे से बहकाकर उनकी जायदाद के कागज़ात पर हस्ताक्षर (Signature) करवा लेता है, जिससे जायदाद का मालिकाना हक वह अपने नाम कर लेता है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 की मुख्य बातें:-

बीएनएस की धारा 318 के तहत धोखाधड़ी के अपराध के तहत किसी व्यक्ति पर तभी आरोप (Blame) लगाए जा सकते है, जब इनमें से कोई बात शामिल हो:-

  • धोखा देने का इरादा: आरोपी का पीड़ित (Victim) को धोखा देने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने का इरादा होना चाहिए।
  • धोखा: आरोपी के द्वारा पीड़ित को गुमराह करने के लिए शब्दों द्वारा, हावभाव द्वारा या आचरण द्वारा किसी प्रकार का धोखा देना चाहिए।
  • संपत्ति का नुकसान: आरोपी के द्वारा दिए गए धोखे के कारण पीड़ित व्यक्ति को संपत्ति का नुकसान होना चाहिए।

कुछ ऐसे कार्य जिनको करना धोखाधड़ी मान जा सकता है:-

  • किसी व्यक्ति को झूठे वादे करके, जैसे निवेश में ज्यादा से ज्यादा लाभ देने का वादा करके उससे धन प्राप्त करना।
  • किसी नकली सामान को असली बताकर या उसकी गुणवत्ता (Quality) के बारे में झूठ बोलकर धोखे से किसी को बेचना।
  • किसी फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) जैसे कि जाली पासपोर्ट या डिग्री, का उपयोग करके अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना।
  • ऑनलाइन माध्यम से जैसे कि सोशल मीडिया या ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से, धोखाधड़ी करना।
  • झूठी लॉटरी या स्कीम के बारे में बताकर लोगों से पैसे लेना।
  • बैंक खाते से पैसे निकालने या किसी और के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए फर्जी तरीके अपनाना।
  • बीमा कंपनी को गुमराह करके बीमा का फायदा लेने का दावा करना।
  • किसी संपत्ति के दस्तावेजों में हेराफेरी करके उस संपत्ति को बेचना या गिरवी रखना।
  • नौकरी पाने के लिए अपनी योग्यता के बारे में झूठ बोलना।
  • चैरिटी के नाम पर दान लेना और उस पैसे का निजी उपयोग करना।

बीएनएस की सेक्शन 318 का उदाहरण

रमेश नाम का व्यक्ति एक छोटे शहर में अपने परिवार के साथ रहता था। एक दिन उसको किसी महिला का फोन आया और उसने बताया गया कि वह एक बड़ी लॉटरी जीत गया है। बस उन पैसों को प्राप्त करने के लिए उसे कुछ पैसे जमा करने हैं और वह लाखों रुपये का इनाम ले सकता है। रमेश यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उसने उस महिला द्वारा मांगे गए पैसे जमा कर दिए। लेकिन कुछ दिनों बाद जब उसने अपना इनाम लेने की कोशिश की तो पता चला कि कोई लॉटरी नहीं थी और वह धोखा खा गया था। जिसके बाद रमेश उस अज्ञात महिला के खिलाफ BNS Section 318 के तहत शिकायत दर्ज करवाता है।

बीएनएस धारा 318 की सजा – BNS Section 318 Punishment in Hindi

बीएनएस की धारा 318 के अपराध में सजा (Punishment) को अलग-अलग उपधाराओं के द्वारा बताया गया है। चलिए धोखाधड़ी के अपराध की सजा को विस्तार से जानते है:-

  • BNS Section 318 (2) की सजा:- धारा 318 की उपधारा (1) में बताए गई बातों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी के अपराध का दोषी (Guilty) पाया जाएगा। उसे न्यायालय द्वारा 2 वर्ष तक की कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया सकता है।
  • BNS Section 351 (3) की सजा:- यदि कोई ऐसा व्यक्ति जिसे लोगों के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, ऐसा व्यक्ति अपने पद का गलत फायदा उठाता है। तो ऐसे व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर 5 वर्ष तक की जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
  • BNS Section 351 (4की सजा:- यदि कोई किसी अन्य व्यक्ति को बहकाकर या धोखे से उसकी किसी संपत्ति को हासिल करने के लिए दस्तावेजों (Documents) में बदलाव करने का दोषी पाया जाएगा। उस व्यक्ति को 7 वर्ष तक की कारावास व जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

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The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023

The Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023

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