बीएनएस धारा 125 क्या है | BNS Section 125 in Hindi

बीएनएस धारा 125 – दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 125 में किसी व्यक्ति की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को जानबूझकर खतरे में डालने वाले कार्यों को अपराध माना जाता है। यह धारा उन सभी मामलों को कवर करती है, जहां किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए कार्यों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रूप से नुकसान पहुंचने का खतरा होता है।

इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसा कोई भी कार्य करता है जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को या किसी भी अन्य तरीके से शारीरिक या मानसिक नुकसान होता है। तो ऐसे व्यक्ति पर BNS Section 125 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा सकती है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 के अपराध के रुप में लागू करने वाली मुख्य बातें:-

  • आरोपी द्वारा किया गया कार्य जानबूझकर किया जाना चाहिए।
  • किए गए कार्य के द्वारा किसी व्यक्ति की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को किसी प्रकार का खतरा होना चाहिए।
  • पीड़ित व्यक्ति को आरोपी द्वारा किए गए कार्य से शारीरिक व मानसिक नुकसान पहुँच सकता है।
  • इस अपराध के तहत दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों को कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।

कुछ ऐसे कार्य जिनको धारा 125 के तहत गंभीर अपराध माना जा सकता है

  • किसी व्यक्ति पर जानलेवा हमला करना, जैसे कि चाकू मारना, गोली मारना आदि।
  • किसी को जान से मारने की धमकी देना, जिसे आरोपी के द्वारा अंजाम भी देने की संभावना हो।
  • किसी व्यक्ति को ऐसी चोट पहुंचाना जिससे उसकी स्थायी विकलांगता हो जाए या उसकी जान को खतरा हो।
  • किसी को भी जबरदस्ती किसी स्थान पर ले जाना या बंदी बनाना।
  • यौन उत्पीड़न करना, जैसे कि छेड़छाड़, दुर्व्यवहार या बलात्कार।
  • बदनाम करने या डराने धमकाने की कोशिश करना।
  • जानबूझकर किसी को आग में फेंकना या किसी जहरीली वस्तु खिलाना।

इस धारा का आपराधिक उदाहरण

राहुल और सुरेश दोनों पड़ोसी थे और अक्सर दोनों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर अकसर झगड़े होते रहते थे। एक दिन, राहुल अपने घर के बगीचे में कुछ काम कर रहा था। उसी दौरान सुरेश ने जानबूझकर राम के बगीचे में पत्थर फेंक दिया जिससे राहुल को चोट लग गई।

इसके बाद दोनों के बीच बहुत ही ज्यादा झगड़ा हो गया। कुछ ही देर में दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई की सुरेश ने राहुल पर एक लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इस हमले के कारण राहुल को गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह घटना BNS धारा 125 के अंतर्गत आती है क्योंकि सुरेश ने जानबूझकर राहुल को चोट पहुंचाई और उसकी जान को खतरे में डाला।

बीएनएस धारा 125 की सजा | Punishment Under BNS Section 125 (A) (B)

इस धारा के तहत सजा अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है। इस सेक्शन के तहत अपराध की सजा को 2 केटेगरी में बांटा गया है जो है A और B. BNS 125 A के तहत यदि किसी व्यक्ति को मामूली चोट लगती है, तो दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को छह महीने तक की कैद या पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

BNS 125 B के तहत किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लगती है, तो दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या दस हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

BNS Section 125 in Hindi

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