भारतीय न्याय संहिता की धारा 355 सार्वजनिक स्थान (Public Places) पर नशे में धुत होकर उत्पात मचाने वाले व्यक्ति के लिए दंड का प्रावधान (Provision) करती है। इस धारा के अनुसार जो कोई व्यक्ति शराब पीकर नशे की हालत में किसी सार्वजनिक स्थान या किसी ऐसे स्थान पर जहां उसका जाना मना हो। वहाँ जाकर किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार करता है जिससे वहाँ मौजूद लोगों किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो ऐसे व्यक्ति पर BNS की धारा 355 लागू की जा सकती है।
धारा 355 के अपराध में जानने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:-
- आरोपी व्यक्ति नशे में (Drunk) होना चाहिए।
- आरोपी (Accused) व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर होना चाहिए, जैसे कि सड़क, पार्क, बाजार आदि।
- नशे की हालत में कोई भी ऐसा कार्य किया गया होगा, जिससे अन्य लोगों को परेशानी हुई होगी।
इस धारा के तहत किन-किन कार्यों को अपराध माना जा सकता है?
- सड़क पर शराब के नशे में चिल्लाना।
- पार्क में नशे की हालत में जोर-जोर से हंसना या गाना।
- बाजार में नशे में धुत होकर लोगों से उलझना।
- नशे में किसी सार्वजनिक स्थल पर गाली-गलौज करना।
- बस स्टॉप पर नशे में अशोभनीय हरकतें (Indecent Act) करना।
- रेलवे स्टेशन पर नशे में धक्का-मुक्की करना।
- सार्वजनिक स्थान पर नशे में सो जाना और रास्ते को बाधित करना।
- नशे में सार्वजनिक शौचालय में उत्पात मचाना।
- सार्वजनिक स्थल पर नशे में लोगों को परेशान करना।
बीएनएस की सेक्शन 355 के अपराध का सरल उदाहरण
रमेश और सुरेश दोनों अच्छे दोस्त थे और एक ही कॉलोनी में रहते थे। एक दिन रमेश ने अपने दोस्तों के साथ शाम को पार्टी करने का फैसला किया। पार्टी में रमेश ने बहुत ज्यादा शराब पी ली। जब पार्टी खत्म हुई, तो वह नशे में धुत होकर सड़क पर निकल आया।रात का समय था और कॉलोनी के लोग आराम से सो रहे थे। लेकिन रमेश को अपनी शराब की नशे में कुछ समझ नहीं आ रहा था।
वह सड़क पर जोर-जोर से चिल्लाने लगा और गाना गाने लगा। उसकी तेज आवाज से आस-पास के लोग जाग गए और परेशान होने लगे। कुछ लोगों ने रमेश को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह उल्टा उनसे ही उलझने लगा। उसकी हरकतें असभ्य और गैर-जिम्मेदाराना थीं जिससे लोगों को परेशानी हो रही थी। इसके बाद पुलिस वहाँ आ जाती है, और रमेश के खिलाफ BNS Section 355 के तहत कार्यवाही करती है।
बीएनएस धारा 355 के अपराध की सजा – Punishment Under BNS Section 355 in Hindi
बीएनएस सेक्शन 355 अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति नशे की हालत में उत्पात मचाने का दोषी (Guilty) पाया जाता है, तो उसे साधारण कारावास (Simple Imprisonment) की सजा दी जा सकती है जो 24 घंटे तक हो सकती है। या उस पर 10 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, या दोनों सजा दी जा सकती है।
इसके साथ ही उस व्यक्ति को समाज सेवा (Social Service) की सजा दी जाती है, तो इसका मतलब यह होता है कि दोषी को समाज के लिए किसी प्रकार की सेवा करनी पड़ती है, जैसे सार्वजनिक स्थानों की सफाई, वृद्धाश्रम में सेवा आदि।