Wednesday, June 18, 2025
Homeभारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) सभी धाराओं की लिस्ट | All BNS Sections in Hindiपशु क्रूरता की बीएनएस धारा 325 में सजा और जमानत | BNS...

पशु क्रूरता की बीएनएस धारा 325 में सजा और जमानत | BNS 325 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 उन अपराधों से संबंधित है जिसमें जानवरों (Animals) को जानबूझकर शारीरिक नुकसान (Physical Harm) पहुंचाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति किसी जानवर को मारता है, उसे जहर देता है, अपंग (Disabled) बनाता है या बेकार कर देता है, तो इसे शरारत माना जाएगा और यह धारा 325 के तहत अपराध होगा। यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो जानवरों को बिना किसी कारण के हानि पहुंचाते हैं, चाहे वह जानवर पालतू हो या जंगली।

भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 325 का उद्देश्य

  • पशु कल्याण: भारतीय न्याय संहिता की सेक्शन 325 पशु कल्याण (Animal Welfare) को बढ़ावा देने और पशु क्रूरता (Animal Cruelty) को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • कानूनी उत्तरदायित्व: यह धारा पशुओं के प्रति क्रूरता दिखाने वाले व्यक्तियों को कानूनी रूप से जिम्मेदार बनाती है।
  • समाज के मूल्य: यह धारा समाज को पशु अधिकारों के प्रति बढ़ते जागरूकता और सभी जीवित प्राणियों के संरक्षण (Protection) के महत्व को दर्शाती है।

BNS 325 के अपराध के कुछ आवश्यक तत्व

  • यदि कोई व्यक्ति किसी जानवर को मारने का काम करता है या उसे गंभीर चोट (Serious Injury) पहुंचाता है, तो यह अपराध माना जाएगा।
  • जानवर को जहर (Poison) देना, चाहे किसी भी उद्देश्य से, धारा 325 के अंतर्गत अपराध है।
  • जानवर को शारीरिक रूप से अपंग (Disabled) बनाना या उसकी कार्यक्षमता (functionality) को बेकार कर देना, इस धारा के तहत आता है।
  • अपराधी का इरादा जानवर को जानबूझकर नुकसान (Intentionally Harm) पहुंचाने का होना चाहिए। यदि नुकसान गलती से हुआ है, तो धारा 325 लागू नहीं होगी।

बीएनएस सेक्शन 325 के अपराध को समझने योग्य सरल उदाहरण

एक दिन रवि नाम का व्यक्ति एक पार्क के पास बने रोड से अपनी मोटरसाइकिल पर कही जा रहा था। अचानक उसकी नजर रोड के किनारे बैठे के जानवर पड़ती है। रवि उस जानवर को देख कर उसे परेशान करने की योजना बनाता है। जिसके बाद वो अपनी मोटरसाइकिल द्वारा चुपचाप वहाँ जाता है, और उसके जानवर के पैर पर मोटरसाइकिल का पहिया चढ़ा देता है। जिसके कारण उस जानवर को बहुत ज्यादा चोट लग जाती है, रवि की इस हरकत को श्याम नाम का एक व्यक्ति देख लेता है। जिसके बाद वो रवि की शिकायत पुलिस में कर देता है, कुछ ही समय बाद पुलिस वहाँ आती है और रवि के खिलाफ BNS Section 325 के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही करती है।

BNS Section 325 के तहत अपराध में किए जाने वाले कुछ कार्य

  • किसी जानवर को जानबूझकर मारना।
  • जानवर को जहर देना।
  • जानवर को अपंग बनाना।
  • जानवर को ऐसी चोट पहुंचाना जिससे वह चल-फिर न सके।
  • किसी भी जानवर को बिना कारण प्रताड़ित (Tortured) करना।
  • जानवर की आँख फोड़ देना या उसे अंधा करना।
  • जानवर को भूखा रखना और उसके खाने-पीने की चीजों में जहर मिलाना।
  • जानबूझकर जानवर को ऐसी जगह रखना जहां उसकी जान को खतरा हो।
  • जानवर को जलाना या किसी अन्य तरह से उसे पीड़ा देना।
  • जानवर को किसी भी प्रकार की असहनीय यातना (Unbearable Torture) देना।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 के दोषी को मिलने वाली सजा

बीएनएस की धारा 325 के तहत किसी जानवर को मारना, जहर देना, अपंग बनाना, गंभीर अपराध है, जिसके लिए दोषी (Guilty) व्यक्ति को पांच साल तक की कैद (Imprisonment) हो सकती है व जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है, या दोनों सजा दी जा सकती है। सजा का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि अपराध की गंभीरता कितनी है और जानवर को कितना नुकसान पहुंचा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments