Thursday, June 19, 2025

बीएनएस धारा 324 क्या है (BNS Section 324 in Hindi) – सजा जमानत और बचाव

भारतीय न्याय संहिता की धारा 324 शरारत (Mischief) के कार्य को अपराध के रुप में परिभाषित करती है। इसमें कहा गया है कि जो भी व्यक्ति आम जनता को या किसी व्यक्ति को गलत तरीके से नुकसान या क्षति पहुँचाने का कार्य करता है, जैसे – किसी संपत्ति को तोड़ देना, उसमें बदलाव कर देना। उस व्यक्ति पर धारा 324 व उसकी उपधाराओं (Sub Sections) के तहत कार्यवाही की जाती है।
सरल भाषा में इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी संपत्ति (Property) को नुकसान पहुँचाता है, जिससे उस संपत्ति के मालिक या जनता को नुकसान होता है तो वह शरारत करने का अपराध कहलाता है।

बीएनएस की धारा को मुख्य रुप से 6 उपधाराओं में बाँटा गया है, जिसमें अपराध की गंभीरता के हिसाब से सजा के बारे में बताया गया है। जो कि इस प्रकार है:-

  1. बीएनएस धारा 324 की उपधारा (1): जो भी व्यक्ति आम जनता या किसी व्यक्ति की संपत्ति को जानबूझकर व गलत तरीके से नुकसान (Damage) पहुँचाता है या उसमें बदलाव करके उसकी कीमत कम करता है। तो उस व्यक्ति पर बीएनएस 324 की उपधारा(1) के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाती है।
  2. बीएनएस धारा 324 की उपधारा (2): इसमें केवल धारा 324(1) के अपराध की सजा (Punishment) के बारे में बताया गया है। जो भी व्यक्ति इस अपराध को करने का दोषी (Guilty) पाया जाएगा, उसे जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
  3. बीएनएस सेक्शन 324 की उपधारा (3) इसमें बताया गया है कि जो भी व्यक्ति सरकार या स्थानीय प्राधिकरण (Govt Or local Authority) की किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुँचाता है। उस व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 324(3) के तहत कार्यवाही की जाती है।
  4. बीएनएस धारा 324 (4) इस Section के प्रावधान अनुसार यदि कोई शरारत करता है जिससे बीस हजार रुपये या उससे अधिक किन्तु एक लाख रुपये से कम की हानि या क्षति (Loss Or Damage) होती है तो उस व्यक्ति को अलग से सजा के बारे में बताया गया है।
  5. बीएनएस धारा 324 (5) इसके तहत यदि कोई शरारत का अपराध करता है जिससे एक लाख रुपये या उससे अधिक की हानि या क्षति होती है। तो उस व्यक्ति को BNS Section 324 की अन्य उपधाराओं से ज्यादा सजा मिलती है।
  6. बीएनएस धारा 324 (6) जो कोई भी शरारत के अपराध के दौरान किसी व्यक्ति को मृत्यु, चोट, गलत तरीके से रोकने का भय (Fear) पैदा करने की तैयारी करता है। उस मामले में सजा को अन्य सभी उपधाराओं के मुकाबले और भी सख्त कर दिया जाता है।

Note:- इन सभी उपधाराओं के तहत दी जाने वाली सजा के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 324 की मुख्य बातें:-

  • इसमें अपराधी का संपत्ति के मालिक को नुकसान पहुंचाने का इरादा (Intention) जरूरी नहीं है। इसका मतलब है कि ऐसे मामलों में मुख्य रुप से अपराधी व्यक्ति केवल प्रॉपर्टी को नुकसान पहुँचाता है ना कि उसके मालिक को किसी भी प्रकार का शारीरिक नुकसान।
  • यह धारा सार्वजनिक संपत्ति (Public Property) को नुकसान पहुंचाने पर भी लागू (Apply) होती है।
  • सजा की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि क्या नुकसान पहुंचाने की योजना पहले से ही बनाई गई थी।
  • इसमें किसी भी संपत्ति को पूरी तरह से नुकसान पहुँचाना या नष्ट (Destroyed) करना शामिल है।
  • इसमें ऐसे कार्य शामिल हैं जो संपत्ति को आगे के उपयोग के काबिल नहीं रहने देते, जिससे उनकी कीमत भी कम हो जाती है।
  • इस अपराध का महत्वपूर्ण तत्व अपराधी का इरादा है। यह कार्य गलत तरीके से नुकसान या क्षति पहुँचाने के इरादे से किया जाना चाहिए। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल असुविधा या परेशानी पैदा करना इस धारा के तहत शरारत नहीं माना जाएगा।
  • यदि अपराधी ने किसी व्यक्ति को मृत्यु, चोट, गलत तरीके से रोकना या इनमें से किसी भी चीज का डर पैदा करने के लिए पहले से तैयारी की है, तो उसे सख्त से सख्त सजा हो सकती है।

BNS धारा 324 के तहत अपराध माने जाने वाले आम कार्य

  • किसी भी संपत्ति को जलाना या आग लगा कर नुकसान पहुँचाने की कोशिश करना।
  • किसी कंपनी की मशीनों, उपकरणों (Devices) व अन्य वस्तुओं को तोड़ना।
  • किसी व्यक्ति के खेतों में फसलों (Crops) को जानबूझकर नष्ट करना या नुकसान पहुंचाना।
  • किसी व्यक्ति की कार, मोटरसाइकिलों या अन्य वाहनों को नुकसान पहुँचाना।
  • बिजली लाइनों, टेलीफोन लाइनों या इंटरनेट कनेक्शन की तारों को तोड़ना।
  • सार्वजनिक संपत्ति जैसे पार्क, सड़क व अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना।
  • मंदिरों, मस्जिदों या चर्चों जैसी धार्मिक इमारतों (Religious Buildings) को नुकसान पहुंचाना।

इनसे अलग भी बहुत सारे ऐसे कार्य हो सकते है जिनको करने पर आप पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 324 के तहत कार्यवाही की जा सकती है। जिसमें दोषी पाये जाने पर आपको जेल भी जाना पड़ सकता है, इसलिए कोई भी ऐसा गलत कार्य ना करें।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 324 का उदाहरण

राहुल और अर्जुन दोनों एक ही पार्क में खेलते थे। एक दिन राहुल की नजर अर्जुन की नई मोटर साइकिल पर पड़ती है, राहुल को मोटर साइकिल बहुत पसंद आती है। जिसके बाद राहुल अर्जुन से उस मोटर साइकिल को कुछ दिन अपने साथ ले जाने के लिए मांगता है। लेकिन अर्जुन उसे देने से मना कर देता है। जिसके कारण राहुल को बहुत गुस्सा आ जाता है और वो उसकी मोटर साइकिल को पत्थर मार-मार कर बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचा देता है।

जिसके बाद दोनों में झगड़ा हो जाता है, इसके साथ ही जब अर्जुन अपनी मोटर साइकिल को लेकर घर जाने लगता है। तो राहुल उसे भी नुकसान पहुँचाने की धमकी देकर घर जाने से रोकता है। इस सब से परेशान होकर अर्जुन पुलिस के पास फोन कर देता है। कुछ ही समय बाद पुलिस वहाँ आती है, अर्जुन पुलिस को सारी घटना के बारे में बता देता है। जिसके बाद पुलिस राहुल के खिलाफ अर्जुन की मोटर साइकिल को नुकसान पहुंचाने की BNS Section 324 के तहत शिकायत दर्ज कार्यवाही करती है।

BNS Section 324 के तहत अपराध की सजा (Punishment)

भारतीय न्याय संहिता की धारा 324 के तहत शरारत के अपराध के लिए दंड को नुकसान की सीमा के आधार पर अलग-अलग प्रकार से बताया गया है जो कि इस प्रकार है:-

  • BNS 324 (2) की सजा:- धारा 324(2) में साधारण शरारत के तहत दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को छह महीने तक की कैद व जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
  • BNS 324 (3) की सजा:- जो कोई भी व्यक्ति सरकार या स्थानीय प्राधिकरण की संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का दोषी (Guilty) पाया जाता है। उस व्यक्ति को एक वर्ष तक की अवधि के लिए कारावास या जुर्माने (Imprisonment or fine) या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
  • BNS 324 (4की सजा:- यदि कोई व्यक्ति किसी संपत्ति को बीस हजार रुपये या उससे अधिक किन्तु एक लाख रुपये से कम का नुकसान करेगा। उसे दो वर्ष तक की कारावास व जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
  • BNS 324 (5की सजा:- यदि कोई शरारत का अपराध करता है जिससे एक लाख रुपये या उससे अधिक की हानि होती है, तो दोषी व्यक्ति को 5 साल तक की जेल व जुर्माने से दंडित (Punished) किया जाएगा।
  • BNS 324 (6की सजा:- जो भी व्यक्ति इस अपराध के दौरान किसी व्यक्ति को मृत्यु, चोट, गलत तरीके से रोकने का भय पैदा करने की तैयारी करता है। ऐसे अपराध के दोषी व्यक्ति को 5 वर्ष तक की कैद व जुर्माने की सजा हो सकती है।
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