भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 प्रतिरूपण द्वारा धोखा (Deception by impersonation) देने के अपराध के बारे में बताती है। यह एक ऐसा कानूनी प्रावधान है, जो किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किसी और का रूप धारण करके धोखा देने से संबंधित है। इस अपराध के तहत कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान का गलत उपयोग करके उसके नाम से कोई कार्य करता है, तो ऐसे लोगों पर धारा 319 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाती है।
उदाहरण:- यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम से सरकारी दस्तावेजों (Government Documents) का गलत उपयोग करता है, जैसे कि पहचान पत्र या पासपोर्ट, तो यह प्रतिरूपण द्वारा धोखा माना जाएगा।
किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर किसी दूसरे की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह करना भी इस धारा के तहत अपराध होता है।
- BNS Section 319 (1):- सेक्शन 319(1) में केवल इस अपराध की परिभाषा के बारे में बताया गया है। जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति का रूप धारण (impersonate) करके, या किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान का गलत तरीके से इस्तेमाल करके धोखा देता है, तो वह प्रतिरूपण द्वारा धोखे का अपराध करता है।
- BNS Section 319 (2): इसमें सेक्शन 319 (1) के अंदर बताए गए अपराध के लिए दंड (Punishment) का प्रावधान किया गया है। यानि जो भी व्यक्ति किसी और की पहचान का इस्तेमाल करने का दोषी (Guilty) पाया जाएगा उसे धारा 319 (2) के तहत दंडित किया जाएगा।
धारा 319 के तहत अपराध साबित करने के मुख्य बिंदु
- किसी अन्य व्यक्ति का रूप धारण करना, यानी जानबूझकर किसी और की पहचान (Identity) का उपयोग करना।
- इसमें किसी अन्य व्यक्ति की पहचान या रुप का उपयोग किसी को धोखा देने के लिए किया जाता है।
- इस प्रकार के धोखे से आरोपी को कोई लाभ होता है या किसी अन्य व्यक्ति को हानि होती है।
- आरोपी जानबूझकर (Intentionally) व खुद की इच्छा से यह अपराध करता है।
बीएनएस की धारा 319 का उदाहरण
राहुल एक प्रतियोगी परीक्षा देना चाहता था, लेकिन उसे विषय के प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह से नहीं आते थे। इसलिए उसन अपने दोस्त रवि से कहा कि वह उसकी जगह परीक्षा दे दे। रवि राहुल के कहने पर ऐसा करने के लिए राजी हो गया। रवि ने राहुल की पहचान का उपयोग करके परीक्षा दी और राहुल के नाम से उत्तर पुस्तिका भर दी। इस मामले में रवि ने राहुल का रूप धारण किया और परीक्षा देने के लिए राहुल की पहचान का दुरुपयोग (Misuse) किया। जिसमें रवि ने इस धोखे से राहुल को लाभ पहुंचाया इसलिए ऐसे अपराध को करने के लिए रवि व राहुल दोनों पर BNS की धारा 319 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
BNS Section 319 के तहत आपराधिक कृत्य
- किसी और व्यक्ति के नाम, पद या पहचान का उपयोग करना।
- किसी और के दस्तावेजों (Documents) का उपयोग करना जैसे कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या बैंक स्टेटमेंट।
- पारिवारिक विवाद (Family Dispute) में किसी और का रूप धारण करना।
- किसी मृत व्यक्ति (Dead Person) का रूप धारण करके उसकी संपत्ति हासिल करने का प्रयास करना।
- किसी और के नाम से परीक्षा देना।
- संगठन में घुसपैठ करने के लिए झूठी पहचान (Fake Identity) का उपयोग करना।
- किसी बैंक से लोन लेने के लिए किसी अमीर व्यक्ति का रूप धारण करना।
- सरकारी नौकरी (Government Job) पाने के लिए झूठी जानकारी देना।
- किसी और के नाम से वोट देना।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 में सजा का प्रावधान
बीएनएस की धारा 319(2) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति धोखे से किसी और का रूप धारण करके धोखाधड़ी (Fraud) करता है और दोषी (Guilty) पाया जाता है, तो उसे अधिकतम पांच साल तक जेल हो सकती है। इसके साथ ही आरोपी व्यक्ति पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में तो अदालत कारावास और जुर्माना (Imprisonment Or Fine) दोनों की सजा एक साथ दे सकती है। इसका मतलब है कि व्यक्ति को जेल की सजा भुगतनी होगी और साथ ही जुर्माना भी अदा करना पड़ेगा।