भारतीय न्याय संहिता की धारा 307 चोरी (Theft) के अपराध को अधिक गंभीर बनाती है जब चोरी करने वाले व्यक्ति ने चोरी के दौरान या चोरी के बाद किसी व्यक्ति को मौत, चोट, या अवरोध उत्पन्न करने की तैयारी की हो। इस धारा का उद्देश्य उन मामलों को कवर करना है जहां चोरी केवल संपत्ति (Property) लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसमें किसी व्यक्ति को जान से मारने का खतरा, चोट, या बंधक बनाने का इरादा भी शामिल हो।
सरल भाषा में समझे तो यह धारा उन सभी व्यक्तियों पर लागू होती है जो चोरी करते समय या उसके बाद पीड़ित व्यक्ति की जान-माल को नुकसान पहुंचाने की तैयारी करते हैं या उसकी धमकी देते हैं।
BNS 307 के अपराध से संबंधित मुख्य तत्व
- इसमें अपराधी का इरादा चोरी करना होता है।
- अपराधी ने चोरी करने से पहले या बाद में किसी व्यक्ति को मौत, चोट पहुँचाने की तैयारी की हो।
- चोरी के बाद भागने के समय भी अपराधी द्वारा जान-माल को नुकसान पहुंचाने की संभावना होती है।
- अपराध में हथियार, धमकी, या हिंसा का उपयोग किया गया हो।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 307 का उदाहरण
कपिल नाम का व्यक्ति एक दुकान में चोरी करने की योजना बनाता है। वह चोरी के लिए दुकान में घुसता है और कुछ सामान चुराने लगता है। चोरी करते समय, दुकान का मालिक उसे पकड़ने की कोशिश करता है। कपिल ने पहले से ही एक चाकू अपने साथ रखा होता है ताकि अगर कोई उसे पकड़ने का प्रयास करें तो वह उसका सामना कर सके। कपिल चाकू निकालकर मालिक को धमकी देता है ताकि वह भाग सके। इस स्थिति में कपिल का अपराध BNS की धारा 307 के तहत आता है क्योंकि उसने चोरी करने के साथ-साथ किसी को चोट पहुंचाने की तैयारी भी की थी।
BNS Section 307 के तहत अपराध से संबंधित कुछ कार्य
- अगर कोई व्यक्ति किसी दुकान या घर से कुछ चुरा रहा है और किसी के रोकने की कोशिश करने पर उसे चाकू से घायल कर देता है, तो यह धारा 307 के तहत अपराध होगा।
- कोई व्यक्ति किसी को मारने की नीयत से चोरी कर रहा है, जैसे कि किसी को गोली मारने या गला घोंटने की कोशिश करना, तो यह सबसे गंभीर अपराध होगा।
- कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को डराने के लिए बंदूक, पिस्तौल या कोई और हथियार (Weapon) दिखाता है, तो यह भी इस धारा के तहत अपराध होगा।
- अगर कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को बंधक बना लेता है, तो यह भी एक गंभीर अपराध होगा।
- कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को मारने की धमकी देता है, तो यह भी इस धारा के तहत अपराध होगा।
- अगर कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को रोकने से रोकने के लिए बल प्रयोग करता है, जैसे कि धक्का देना, खींचना या मारना, तो यह भी इस धारा के तहत अपराध होगा।
- अगर कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को डराने के लिए जानवरों का इस्तेमाल करता है, जैसे कि कुत्ते को भड़काना, तो यह भी इस धारा के तहत अपराध होगा।
- कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को डराने के लिए आग लगाता है, तो यह भी एक गंभीर अपराध होगा।
- अगर कोई व्यक्ति चोरी करते समय किसी को डराने के लिए झूठी सूचना देता है, जैसे कि बम होने का झूठा अलार्म देना, तो यह भी इस धारा के तहत अपराध होगा।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 307 के दोषी को मिलने वाली सजा
बीएनएस की धारा 307 के अपराध के दोषी (Guilty) व्यक्ति को कठोर कारावास (Rigorous imprisonment) की सजा दी जाती है, जो दस साल तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त उस व्यक्ति पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है। यदि अपराधी ने चोरी के दौरान किसी व्यक्ति को गंभीर चोट (Serious Injury) पहुंचाई है, तो सजा की अवधि बढ़ सकती है और जुर्माने की राशि भी अधिक हो सकती है। यह सजा अपराध की गंभीरता और अपराधी के इरादे के आधार पर निर्धारित की जाती है।