भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 एक बहुत ही उपयोगी धारा है, जो गैरकानूनी सभाओं (Unlawful Assemblies) से जुड़े अपराधों से संबंधित है। यह धारा कहती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी गैरकानूनी सभा का सदस्य (Member) है और उस सभा के उद्देश्य को पूरा करने के लिए कोई अपराध किया जाता है। तो उस सभा के सभी सदस्यों को किए गए अपराध के लिए दोषी (Guilty) ठहराया जा सकता हैं।
सरल शब्दों में इसका अर्थ है कि जब पाँच या उससे अधिक लोग किसी चीज का विरोध करने के लिए गैर-कानूनी सभा या प्रर्दशन करते है। वहाँ उस सभा में मौजूद कोई एक सदस्य भी अगर किसी अपराध को अंजाम दे देता है, तो उस सभा के सभी व्यक्तियों को दोषी माना जाएगा। भले ही आपने खुद वह अपराध नहीं किया हो, लेकिन अगर आप केवल उस सभा में उपस्थित भी थे तो आप पर भी BNS Section 190 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 के आवश्यक तत्व:-
धारा 190 के तहत अपराध को किसी भी व्यक्ति पर लागू करने से पहले कुछ आवश्यक बातों का होना बहुत जरुरी है, जो कि इस प्रकार है:-
- कोई ऐसा समूह बनाया जाता है जिसका उद्देश्य कानून का उल्लंघन (Violation) करना हो।
- पाँच या उससे अधिक लोगों का समूह एक सामान्य अवैध उद्देश्य (Illegal Purpose) के साथ इकट्ठा होना चाहिए।
- सामान्य उद्देश्य का मतलब है, जैसे कि किसी को नुकसान पहुंचाना, संपत्ति को नष्ट करना, या किसी कानून को तोड़ना।
- सभा के कम से कम एक सदस्य द्वारा कोई अपराध किया जाना चाहिए।
- जब अपराध किया गया था तब आरोपी व्यक्ति उस गैरकानूनी सभी में मौजूद होना चाहिए।
इस धारा के तहत अपराध में किए जाने वाले कुछ कार्य
- दंगा: यदि एक गैरकानूनी सभा के सदस्य किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए हिंसा करते हैं, तो सभी सदस्यों को दंगे (Riots) का दोषी माना जा सकता है।
- आगजनी: यदि कोई सदस्य जानबूझकर किसी संपत्ति को आग लगाता है, तो वहाँ मौजूद सभी सदस्यों को आगजनी करने के अपराध का दोषी माना जा सकता है।
- हत्या या हत्या का प्रयास: यदि कोई सदस्य किसी व्यक्ति की हत्या (Murder) कर देता है या किसी की भी हत्या करने का प्रयास करता है, तो वहाँ उपस्थित सभी लोगों को हत्या या हत्या के प्रयास (Attempt To Murder) का दोषी माना जा सकता है।
- अपहरण: यदि कोई सदस्य किसी व्यक्ति का अपहरण (Kidnaping) करता है, तो सभी सदस्यों को अपहरण का दोषी माना जा सकता है।
- लूट: यदि कोई सदस्य किसी व्यक्ति या संपत्ति को लूटता है, तो सभी सदस्यों को लूट के अपराध के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
- गैरकानूनी कब्जा: यदि कोई सदस्य किसी संपत्ति पर गैरकानूनी कब्जा (Unlawful Possession) करता है, तो सभी सदस्यों पर गैरकानूनी कब्जा करने के जुर्म के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
- अवैध हथियार रखना: अगर किसी सभा का सदस्य अवैध हथियार (Illegal Weapons) रखता है, तो सभी सदस्यों को अवैध हथियार रखने का दोषी माना जा सकता है।
जाने – दंगा करने की बीएनएस धारा 191 में सजा
बीएनएस सेक्शन 190 के अपराध का उदाहरण
एक दिन किसी छोटे से शहर में एक समूह के कुछ लोग एक मंदिर के दोबारा से बनाए जाने के विरोध में एकत्रित हुए। इस समूह का नेतृत्व राहुल कर रहा था। राहुल ने ही सभी लोगों को बुलाकर वहां पर इकट्ठा किया था। पहले तो वहाँ सब कुछ ठीक चल रहा होता है, लेकिन कुछ ही देर बाद उसी समूह का एक व्यक्ति पुलिस पर पत्थरबाजी करने लग जाता है। जिसके कारण वहाँ पर हिंसा फैल जाती है, और उनमें से एक व्यक्ति मंदिर के पुजारी पर भी हमला कर देता है।
जिसके बाद पुलिस स्थिति को काबू करती है और वहाँ उपस्थित सभी लोगों को गिरफ्तार कर लेती है। इसके बाद जिन लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की थी, उन सभी पर भी किए गए अपराध व BNS 190 के तहत कार्यवाही की जाती है। क्योंकि वे सभी उस समूह में उस अपराध के होने के समय भी शामिल थे, और उनका उद्देश्य भी मंदिर बनाने को रोकने का था।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 की सजा – Punishment Of BNS 190 in Hindi
बीएनएस धारा 190 के तहत सजा (Punishment) उस अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है जो समूह द्वारा किया गया है। जिसमें कारावास की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकती है। इसका मतलब है कि किसी समूह का कोई सदस्य जब किसी अपराध को करेगा तो जो अपराध उसने किया है। वहाँ मौजूद सभी लोगों को उसी अपराध में बताई गई सजा से ही दंडित किया जाएगा।
उदाहरण के लिए:- अगर समूह में मौजूद किसी एक व्यक्ति ने भी किसी की हत्या की है, तो समूह के सभी सदस्यों को हत्या के लिए दोषी ठहराया जा सकता है और उन्हें आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा हो सकती है।