भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 जो ख़तरनाक हथियारों या साधनों (Dangerous Weapons) के द्वारा स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाने या गंभीर चोट पहुँचाने (hurt or grievous hurt) के अपराध के बारे में बताती है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी खतरनाक हथियार या तरीकों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को जानबूझकर (Intentionally) नुकसान पहुँचाने या गंभीर चोट पहुँचाने का अपराध करता है।
उस व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 118 व उसकी उपधाराओं (Sub-Sections) के तहत कार्यवाही की जाती है। बीएनएस की धारा 118 को दो उपधाराओं में अपराध की गंभीरता के हिसाब से बाँटा गया है। इन दोनों उपधाराओं में सजा को भी अलग-अलग प्रकार से बताया गया है।
- बीएनएस धारा 118 की उपधारा (1):– इसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खुद की इच्छा से किसी खतरनाक हथियार या साधन का उपयोग करके किसी व्यक्ति को चोट पहुँचा देता है। तो उस व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(1) लागू कर कार्यवाही की जाती है। इसमें केवल चोट के बारे में बताया गया है, मानव शरीर (Human Body) के किसी भी हिस्से में होने वाले किसी भी दर्द, या पीड़ा को चोट कहा जाता है।
- बीएनएस धारा 118 की उपधारा (2): यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी खतरनाक हथियार व अन्य साधन से किसी व्यक्ति को गंभीर चोट (Grievous Hurt) पहुँचाने का अपराध करेगा। उस व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(2) के तहत कार्यवाही की जाती है। गंभीर चोट वो होती है जिनकी वजह से किसी व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है।
इन दोनों में समझने योग्य बात यह है कि उपधारा (1) में खतरनाक हथियार व साधन के उपयोग से केवल चोट लगने के बारे में बताया गया है। लेकिन उपधारा (2) में खतरनाक हथियारों व साधन द्वारा गंभीर चोट लगने के बारे में बताया गया है। इन दोनों में मुख्य अंतर चोट व गंभीर चोट के बीच देखने को मिलता है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 के आवश्यक तत्व
- आरोपी व्यक्ति ने पीड़ित व्यक्ति को जानबूझकर नुकसान पहुँचाया होगा या गंभीर चोट पहुँचाई होगी।
- नुकसान पहुँचाने का कार्य जानबूझकर किया जाना चाहिए और आकस्मिक (Accidental) नहीं होना चाहिए।
- नुकसान या चोट किसी खतरनाक हथियार (Dangerous Weapons) का उपयोग करके पहुँचाई गई होगी।
- “खतरनाक हथियार” ऐसी वस्तु होती है जो हथियार के रुप में इस्तेमाल की जा सकती है। जिनकी इस्तेमाल से किसी व्यक्ति की मृत्यु या गंभीर चोट पहुँचने की संभावना होती है। जैसे बंदूक चाकू, तलवारें, एसिड और विस्फोटक आदि।
BNS 118 के तहत अपराध में शामिल कुछ कार्य
- किसी व्यक्ति पर चाकू (Knife) से हमला करना और उसे चोट पहुंचाना।
- किसी व्यक्ति पर बंदूक से गोली मारकर उसे घायल (Injured) करना या मार डालना।
- किसी व्यक्ति को लाठी या डंडे से पीटना।
- तेजधार हथियार जैसे कि कुल्हाड़ी, तलवार आदि से हमला करना।
- एसिड फेंककर किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से जलाना।
- किसी व्यक्ति को जानबूझकर जहरीला पदार्थ या वस्तु खिलाना।
- किसी भी विस्फोट (Explosion) वाली वस्तु का उपयोग करके नुकसान पहुँचाना।
- किसी व्यक्ति पर गर्म तेल या पानी डालकर उसे जलाना।
इनसे अलग भी अन्य प्रकार के कार्य हो सकते है जिनको करने वाले किसी भी व्यक्ति पर BNS Section 118 व उसकी उपधाराओं (Sub-Sections) के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
बीएनएस सेक्शन 118 के जुर्म का उदाहरण
अर्जुन और विवेक दोनों एक कॉलेज के हॉस्टल में रहते थे। वहाँ पर वे दोनों बहुत समय से एक साथ रहते थे और शुरूआत से ही दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती थी। लेकिन धीरे-धीरे उनके बीच छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी होने लगी थी। जिसकी वजह से वे दोनों ही एक दूसरे से नफरत करने लगे थे।
एक दिन दोनों अपने कमरे में ही बैठे होते है, और उनके बीच किसी बात को लेकर बहस हो जाती है। कुछ ही देर बाद बहस इतनी बढ़ जाती जिसमें अर्जुन जानबूझकर विवेक पर पास ही रखे चाकू से हमला (Attack) कर देता है। जिससे विवेक को बहुत ही गंभीर चोट लग जाती है, और वह घायल हो जाता है। इस घटना के बाद पुलिस वहां आती है और अर्जुन को गिरफ्तार कर लेती है।
पुलिस अर्जुन के खिलाफ विवेक पर खतरनाक हथियार से हमला कर गंभीर चोट पहुंचाने के अपराध की धारा 118 के तहत केस दर्ज कर लेती है।
BNS Section 118 (1) (2) के तहत अपराध की सजा
भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 में स्वेच्छा से किसी भी व्यक्ति पर खतरनाक हथियार के द्वारा हमले के दोषी (Guilty) व्यक्तियों को सजा (Punishment) भी अपराध की गंभीरता को देखते हुए ही दी जाती है। जिनको इसकी उपधाराओं में ही बताया गया है, आइये विस्तार से जानते है:-
- BNS 118 (1) की सजा :– जो भी व्यक्ति खुद की इच्छा से जानबूझकर किसी व्यक्ति को खतरनाक हथियार द्वारा नुकसान या चोट पहुंचाता है। उस व्यक्ति को न्यायालय द्वारा दोषी पाये जाने पर 3 साल तक की कैद, व 20,000 रुपये के जुर्माने (Fine) से दंडित (Punished) किया जाता है।
- BNS 118 (2) की सजा:- इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी व्यक्ति को खतरनाक हथियार या साधन का उपयोग करके गंभीर चोट पहुँचाने का अपराध करता है। जिससे पीड़ित व्यक्ति (Victim Person) की जान जाने की भी संभावना (Possibility) बन सकती है। ऐसे व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर कम से कम एक वर्ष से लेकर आजीवन कारावास (Life Imprisonment) व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।