Monday, April 28, 2025

बीएनएस धारा 110 में सजा और जमानत – BNS Section 110 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 गैर-इरादतन हत्या के प्रयास (Attempt to commit culpable homicide) के अपराध से संबंधित है। यह धारा उस व्यक्ति को दंडित करती है जो जानबूझकर या जानते हुए ऐसे कार्य करता है जिसके परिणामस्वरूप किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। सरल भाषा में, गैर-इरादतन हत्या के प्रयास का अर्थ है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की हत्या (Murder) करने का इरादा नहीं रखता है, लेकिन द्वारा किए गए कार्य ऐसे होते हैं कि वे किसी की मृत्यु (Death) का कारण बन सकते हैं।

इसलिए BNS धारा 110 के अनुसार गैर-इरादतन हत्या का प्रयास तब होता है। जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी की हत्या करने का इरादा नहीं रखता है, लेकिन वह जानता है, कि उसके द्वारा किए गए कार्य से किसी को चोट लग सकती है या उसकी जान जा सकती है। फिर भी उसने सावधानी बरतने में लापरवाही की और उसके कार्य के कारण ही किसी को नुकसान पहुंचा।

इस धारा के लागू होने प्रमुख बिंदु

  • आरोपी (Accused) व्यक्ति ने कोई ऐसा कार्य किया होगा जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
  • यह कार्य इतना खतरनाक होना चाहिए कि इससे किसी की जान जा सकती हो।
  • आरोपी व्यक्ति को यह समझना चाहिए था कि उसके कार्य के परिणामस्वरूप किसी को चोट (Injury) लग सकती है या उसकी जान जा सकती है। भले ही उसका इरादा जानबूझकर हत्या करने का न हो, लेकिन उसे इस बात का अंदाजा होना चाहिए था कि उसके कार्य के परिणाम क्या हो सकते हैं।
  • गैर-इरादतन हत्या के प्रयास के दोषी व्यक्ति को जेल व जुर्माने (Jail or fine) की सजा दी जा सकती है।

BNS Section 110 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ कार्य

  • लापरवाही से तेज गाड़ी चलाकर किसी व्यक्ति को गलती से टक्कर मार देना।
  • बंदूक या किसी अन्य खतरनाक हथियार (Dangerous Weapon) को लापरवाही से चलाकर किसी को चोट पहुंचा देना।
  • जल्दबाजी में किसी व्यक्ति को जहरीला पदार्थ (Toxic Substance) लापरवाही से दे देना।
  • ऊंचाई से किसी भारी वस्तु को फेंक देना जिससे किसी को चोट लग सकती है।
  • कोई वाहन चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बात करने की वजह से ध्यान भटकने से दुर्घटना हो जाए तो यह गैर-इरादतन हत्या का प्रयास हो सकता है।
  • किसी मशीन को खतरनाक तरीके से चलाने से किसी को चोट लग सकती है, इससे गैर-इरादतन हत्या का मामला बन सकता है।

बीएनएस की धारा 110 के जुर्म का सरल उदाहरण

एक दिन अजय नाम का एक व्यक्ति बहुत ही तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था, और उसकी गाड़ी इतनी तेज थी की वो राहुल नाम के एक पैदल यात्री से टकरा जाता है। जिससे राहुल को बहुत ही गंभीर चोट लग जाती है, भले ही अजय का इरादा जानबूझकर राहुल को टक्कर मारना न हो, लेकिन उसे पता होना चाहिए था कि तेज गति से गाड़ी चलाना खतरनाक है और इससे दुर्घटना हो सकती है। इस मामले में अजय को BNS 110 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।

बीएनएस धारा 110 के तहत दोषी को सजा कितनी होती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 में सजा के प्रावधान (Provision) अनुसार जो भी व्यक्ति गैर-इरादतन हत्या के प्रयास को करने का दोषी (Guilty) पाया जाएगा, उसे इस अपराध के लिए दो प्रकार से सजा दी जा सकती है। जो कि इस प्रकार है:-

  • मृत्यु होने की स्थिति में: यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु (Death) होती है और यह साबित हो जाता है कि आरोपी का जानबूझकर हत्या (Intentionally Murder) करने का इरादा नहीं किया था, परंतु उसके कार्य के परिणामस्वरूप मृत्यु हुई है तो दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की सजा व जुर्माने से दंडित (Punished) किया जा सकता है।
  • चोट लगने की स्थिति में: यदि किसी व्यक्ति को आरोपी के द्वारा किए गए कार्यों द्वारा केवल चोटें (Injuries) आती हैं, मृत्यु नहीं होती तो उसे दोषी पाये जाने पर सात साल तक की जेल व जुर्माना लगाकर दंडित किया जा सकता है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 में जमानत के लिए कानूनी प्रावधान है

भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 के तहत गैर-इरादतन हत्या का प्रयास एक संज्ञेय व गैर-जमानती अपराध (Cognizable or Non-Bailable Offence) है। जो एक गंभीर अपराध के रूप में माना जाता है, और इसमें पुलिस तुरन्त आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। गैर-जमानती होने के कारण इस अपराध में आरोपी व्यक्ति को जमानत (Bail) नहीं मिलती है।

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