भारतीय न्याय संहिता की धारा 298 धार्मिक भावनाओं (Religious Sentiments) को आहत करने के अपराध से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी धर्म या धार्मिक विश्वासों (Religious Beliefs) को अपमानित करने के उद्देश्य से किसी धर्मस्थल, पूजा स्थल, या किसी धर्म के प्रतीक या उससे संबंधित वस्तु को नष्ट करता है, क्षति पहुंचाता है, या अपवित्र करता है। तो ऐसे व्यक्ति पर BNS की धारा 298 लागू कर दंड के लिए कानूनी कार्यवाही की जाती है।
बीएनएस सेक्शन 298 के महत्वपूर्ण बिंदु:-
- आरोपी का उद्देश्य किसी धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान (Insult) करना होना चाहिए।
- किसी धार्मिक स्थल, पूजा स्थान, या धार्मिक प्रतीक (Religious Symbols) को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना या अपवित्र (Impure) करना।
- यह साबित होना चाहिए कि यह कार्य जानबूझकर किया गया है, गलती से नहीं।
- यह कृत्य धार्मिक भावनाओं को आहत करके समाज में अशांति या विवाद पैदा कर सकता है।
- इस धारा के तहत दोष पाए जाने पर कारावास और जुर्माना (Imprisonment Or fine) हो सकता है।
धारा 298 के तहत किन कार्यों को अपराध माना जा सकता है?
- जानबूझकर किसी धर्म के देवताओं की मूर्ति को तोड़ना या नुकसान पहुंचाना।
- मस्जिद की दीवारें या अन्य चीजों को जानबूझकर (Intentionally) नुकसान पहुंचाना।
- पुजा स्थल के अंदर कचरा या अन्य अपवित्र वस्तुएं फेंकना।
- धार्मिक पुस्तकों जैसे गीता, कुरान, बाइबिल आदि को जलाना।
- किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, या गुरुद्वारे में गोबर, खून, या अन्य अपवित्र पदार्थ फेंकना।
- धार्मिक स्थलों की दीवारों पर अश्लील या आपत्तिजनक चित्र बनाना।
- किसी धर्म के प्रतीक झंडे को जलाना या अपमानित करना।
- किसी धर्म के धार्मिक समारोह को जबरन रोकना या उसमें बाधा डालना।
- जानबूझकर धार्मिक स्थल पर शोर-शराबा या विवाद पैदा करना।
- किसी धार्मिक आयोजन को जानबूझकर रोकने की कोशिश करना।
बीएनएस सेक्शन 298 के अपराध का उदाहरण
अजय का परिवार एक धार्मिक उत्सव के लिए पार्क में विशेष पूजा आयोजन कर रहा था। पार्क में उन्होंने पूजा के लिए धार्मिक प्रतीकों और झंडों को सजाया था। पूजा समाप्त होने के बाद अजय और उसके परिवार ने झंडों और अन्य पूजा सामग्री को साफ-सुथरा रखने का ध्यान रखा। राकेश जो धार्मिक प्रतीकों की कद्र नहीं करता था, पार्क से गुज़रते समय उसने गलत ढंग से उन धार्मिक झंडों को फाड़ दिया और पूजा सामग्री को कुचल दिया। यह सब देखकर अजय बहुत दुखी और नाराज हो गया।
अजय ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और राकेश के खिलाफ धारा 298 के तहत शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने राकेश को पूछताछ के लिए बुलाया और उसे धार्मिक प्रतीकों को नुकसान पहुंचाने के लिए सजा दी।
BNS Section 298 के तहत अपराध की सजा
बीएनएस की धारा 298 उन अपराधों को दंडित (Punished) करती है, जो धार्मिक स्थलों, पूजा स्थलों, या धार्मिक प्रतीकों के अपमान या नुकसान से संबंधित होते हैं। इसलिए धारा 298 के तहत दोषी (Guilty) पाए गए व्यक्तियों को 2 वर्ष की कारावास व जुर्माने (Imprisonment Or Fine) से दंडित किया जाता है।